Mutual Fund क्या है? जानें इसके फायदे और नुकसान के बारे में – What is Mutual Fund in Hindi
म्यूचुअल फंड सही है!! हर दिन हर घंटे या यूं कहे हर मिनट हम यह टीवी, चैनल, सोशल मीडिया पर देख रहे है।फिर भी डर और आशंकाओं से मन बैचेन रहता है। क्या ये सच बोल रहे है? या फिर सिर्फ अपने फायदे के लिए हम तक ये बातें पहुंचाई जा रही है! इसमें इतना ज़्यादा रिस्क है कहीं मेरा पैसा डूब तो नही जाएगा वगैरह-वगैरह !! ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम म्यूचुअल फंड के बारे में ठीक से जानते नही है (What is Mutual Fund in Hindi), या इस बात से अनजान है कि ये काम कैसे करता है। तो आइए आज हम आपका यह डर दूर कर देते है जिससे बेझिझक आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके अपनी वेल्थ क्रिएट कर सके।
म्यूचुअल फंड्स क्यों सही है ? म्यूचुअल फंड्स के फ़ायदे
- शायद आपको यह जानकर आश्चर्य हो पर आपकी जानकारी के लिए बता दें। शेयर बाजार में लगभग 300 से 400 म्यूचुअल फंड स्कीम्स है, जिसमें से यदि आपने सबसे खराब स्कीम भी ले ली और चाहे आपका एडवाइजर कितना भी खराब हो, फिर भी 7 से 8 साल बाद आपको 99% चांसेज है की एफडी से ज्यादा (9 से 10%) ही रिटर्न मिलेगा।
- यदि आपने कोई अच्छी स्कीम चुन ली तो आप 22 से 23% तक रिटर्स पा सकते है, जो कि किसी भी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट, प्रॉपर्टी, गोल्ड आदि से कही बेहतर है।
- प्रोफेशनल मेनेजमेंट की राय और अनुभव का बहुत ही कम खर्च मे फ़ायदा उठाया जा सकता है। क्यूकि MF (म्यूचुअल फंड्स) का ‘एक्सपेंस रेश्यो’ (पोटफोलियो मैनेज करने का खर्चा) सामूहिक रूप से निवेश के कारण कम हो जाता है।
- ये फंड हमें कम पैसों में भी अधिक से अधिक शेयरों में निवेश का मौका देते है। आप 500 रुपए जैसी मामूली रकम से भी शुरुआत कर सकते है।
- अपने लॉन्ग टर्म लक्ष्यों जैसे बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए लार्ज कैप फंड (रिस्क बहुत कम) और विदेश में हॉलीडे के लिए मिड कैप फंड और बहुत कम रिस्क के लिए डेट फंड्स (debt fund) आदि के जरिए लक्ष्य पाने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
- पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग (8th wonder of the world) का फायदा उठाने का यह एक बेजोड़ तरीका है। आप SIP( Systematic investment plan) के जरिए लंबे समय तक इन्वेस्टेड रहकर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा सकते है।
- अलग अलग सेक्टर में पैसा लगे होने से निवेश की विविधता (portfolio diversification) रहती है और किसी एक सेक्टर की मंदी का आपकी पोर्टफोलियो पर अधिक असर नहीं पड़ेगा।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ऐप आदि की सुविधा की वजह से म्यूचुअल फंड्स में निवेश और MF स्कीम्स की ग्रोथ, रिटर्न आदि की तुलना और ट्रैकिंग करना और भी आसान हो गया है।
- डायरेक्ट शेयर बाज़ार में निवेश की अपेक्षा रिसर्च और analysis नहीं के बराबर होने से इसमें समय की बचत भी बहुत होती है। बस सही स्कीम सिलेक्ट करके SIP कीजिए और साल भर में एक बार रिव्यू कर लीजिए।
अब जब आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के इतने सारे फायदों के बारें में जान ही चुके है, तो आइए! सबसे पहले समझते है
म्यूचुअल फंड क्या होता है? What is Mutual Fund in Hindi ?
म्यूचुअल फंड का मतलब होता है ‘पारस्परिक निधि’ या साझा रकम, यहां कई लोगों का पैसा एक साथ मिलाकर निवेश योजनाओं या शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसका जो भी मुनाफा होता है उसे उनके हिस्से के हिसाब से सबमें बांट दिया जाता है।
म्यूचुअल फंड्स काम कैसे करते है?
- म्यूचुअल फंड्स, फंड मैनेजमेंट कंपनी (AMC) बनाते है। जो कि लोगों से पैसे मांगती है, कि हमने मल्टीकैप फंड (छोटी बड़ी मीडियम सभी प्रकार की कंपनी का समूह), लार्ज कैप या स्मॉल कैप आदि लॉन्च किया है। जिसमें आपके और हमारे जैसे लोग अपनी इच्छा के अनुसार पैसा लगाते हैं।
- जितना टोटल पैसा जमा होता है, उसे AUM या एसेट अंडर मैनेजमेंट कहते है। जिसे मैनेज करने AMC एक फंड मैनेजर नियुक्त करती है जो कि एक एक्सपर्ट प्रोफेशनल होता है। वह अपने शेयर बाजार के अनुभव और रिसर्च के हिसाब से सारे लोगों का प्रतिनिधि बन अलग-अलग कम्पनी के शेयर खरीदता है।
- कंपनियों और उनके शेयरों के पिछले रिकॉर्ड और आगे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह एक्सपर्ट, लोगों के पैसों का इस तरह से निवेश करते है कि उससे कम से कम नुकसान के साथ अच्छे से अच्छा रिटर्न मिल सके। उदाहरण के तौर पर जैसे की यदि आप 20 हज़ार रुपए को शेयर बाजार में खुद या किसी एडवाइजर के जरिए लगाना चाहते है। आप एमआरएफ (MRF compony) या पेज इंडस्ट्रीज (PAGE) का शेयर लेना चाहते है पर ये आप डायरेक्ट या एडवाइजर के सहयोग से नहीं कर पाएंगे। क्यूकि इन कंपनियों का एक शेयर ही 50 हजार से ज्यादा कीमत का है। जबकि म्यूचुअल फंड्स हमसे और हमारे जैसे 100 लोगों से 500- 500 रुपए जमा करके 50000 रुपए का फंड बनाकर पेज इंडस्ट्रीज के 1 शेयर (@ Rs 50000 per share) खरीद सकते है। इस तरह Rs 500 की एक म्यूचुअल फंड यूनिट से हम उस कंपनी(PAGE) के सामूहिक तौर पर को होल्डर बन जायेंगे।
- अधिकतर लोग यह समझते है कि म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में निवेश करने का एक तरीका है। पर असल में म्यूचुअल फंड्स के ज़रिए गोल्ड, रियल स्टेट, डेट फंड आदि में भी निवेश किया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड्स में सावधानियां या रिस्क – Risks in mutual fund
- Mutual Funds का मुनाफा सीधा स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है जहां हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है। परन्तु आप धैर्य के साथ लंबे समय तक invested रहते है तो बहुत बढ़िया मुनाफा कमा लेंगे।
- एक्सपेंस रेश्यो ( फंड मैनेजमेंट का खर्च), एग्जिट लोड ( 1 वर्ष के भीतर एग्जिट या रिडीम करने पर खर्च) आदि खर्चों को ध्यान में रखते हुए स्कीम सिलेक्ट करें।
- वैसे तो म्यूचुअल फंड्स से कभी भी एग्जिट हुआ जा सकता है पर, क्लोज एंडेड स्कीम और ELSS स्कीम में ‘लॉक इन पीरियड’ होता है।
- यदि आपको स्टॉक मार्केट की बहुत अच्छी समझ है तो आप लॉन्ग टर्म में म्यूचुअल फंड्स से ज्यादा रिटर्न पा सकते है। इसके अलावा MF में मैच्योरिटी रिटर्न्स पर टैक्स देना होता है।
आशा करते है इस आर्टिकल के जरिए आपको म्यूचुअल फंड के बारें में काफी कुछ सीखने मिला होगा। ऐसी ही सही और सटीक जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट www.poojafinserv.com से जुड़े रहे। धन्यवाद!!