महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट – Mahila Samman Saving Certificate in Hindi
2023-24 के केंद्रीय बजट में सरकार ने महिलाओं के हितों की रक्षा के लिये एक शानदार योजना का एलान किया है. इस योजना का नाम महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट है. यहाँ हम आपको इसे हिंदी में समझायेंगे (Mahila Samman Saving Certificate in Hindi). इसकी शुरुआत महिलाओं को आत्मनिर्भरता प्रदान करने और बचत के लिये प्रोत्साहित करने की मंशा से की गई है. इस स्कीम में निवेश करके महिलायें बाकी स्माल सविंग स्कीम की तुलना में अधिक ब्याज़ कमा सकती है. फिलहाल यह स्कीम 2025 तक के लिये है.
इस स्कीम में निवेश कौन कर सकता है ?
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट(Mahila Samman Saving certificate) or महिला सम्मान बचत पत्र (Mahila Samman bachat patra) विशेष तौर पर महिलाओं के लिये डिजाइन किया गया है. इसमें निवेश के लिये उम्र की कोई भी सीमा तय नहीं की गयी है. ऐसे में इसमें लड़कियाँ भी निवेश कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतरमन के अनुसार यह बजट अमृत काल में पेश किया गया था. छोटी बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक, किसी भी उम्र की महिला यह अकाउंट खुलवा सकती है। विदेशी या NRI महिला को यह अकाउंट खुलवाने की अनुमति नही होगी।

Mahila Samman Bachat Patra में निवेश की सीमा
इस स्कीम में निवेश की सीमा दो साल ( 2 years) की है. इस तरह यदि कोई महिला मार्च 2023 में MSSC में निवेश करती है तो पैसे 2025 में निकाल पायेगी. इसमें 1 अप्रैल 2023 से लेकर 25 मार्च 2025 तक अकाउंट खुलवाया जा सकता है। इसके अलावा इन दो सालों के बीच में partial withdrawal की सुविधा भी उपलब्ध है.
स्कीम में कितना ब्याज मिलेगा ?
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र or महिला सम्मान बचत पत्र (Mahila Samman bachat patra) के तहत सरकार महिलाओं को आम सेविंग स्कीम की तुलना में अधिक ब्याज़ प्रदान कर रही है. इस स्कीम में सालाना 7.5% के हिसाब से रिटर्न दिया जायेगा. खाता खुलने की तारीख को जो भी ब्याज दर रहेगी, अकाउंट की मेच्योरिटी तक वही ब्याज दर बनी रहेगी। बीच में, अगर सरकार ब्याज दर बदलती भी है तो पहले से खुले अकाउंट पर उसका कोई प्रभाव नही पड़ेगा। इस स्कीम में अधिकतम दो लाख (2 LAKH) तक की राशि निवेश की जा सकती है.
किन महिलाओं के लिए है ज्यादा फायदेमंद ?
इस स्कीम (Mahila Samman bachat patra) के जरिये सरकार देश की आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. मगर इस स्कीम में 2 लाख रुपये की अधिकतम सीमा भी रखी गई है. ऐसे में उच्च आय वर्गीय महिलाओं को शायद इस स्कीम से अधिक लाभ होने की गुंजाइश ना के बराबर है. लेकिन निम्न आय वर्ग की महिलाओं को इससे कम समय में अच्छा-खासा रिटर्न मिलेगा.
महिला सम्मान बचत पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना में अंतर
- उद्देश्य में भिन्नता
सुकन्या समृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य छोटी बच्ची के माता-पिता या अभिभावक को उसकी शादी या शिक्षा के लिए पैसा जुटाने में मदद करना है. जबकि महिला सम्मान बचत पत्र सिर्फ महिलाओं को अधिक ब्याज देकर बचत करके पैसे बढ़ाने में मदद करेगा.
- मैच्योरिटी अवधि में अंतर
सुकन्या समृद्धि योजना में 21 साल तक अकांउट चलता है। उनमें से शुरू के 15 साल तक पैसा जमा करना पड़ता है। 15 से 21 वर्ष तक कोई पैसा जमा नहीं होता, लेकिन ब्याज जुड़ता रहता है। 21 साल बाद आपका पूरी जमा+ब्याज को मिलाकर पैसा वापस मिल जाता है। जबकि महिला सम्मान बचत पत्र में अकाउंट सिर्फ 2 साल तक चलता है। 2 साल के बाद आपकी जमा और ब्याज को जोड़कर पैसा वापस मिल जाता है।
- ब्याज दर में अंतर
सुकन्या समृद्धि योजना पर, सरकार फिलहाल 7.6% सालाना के हिसाब से ब्याज दे रही है. जबकि महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना अकाउंट पर सरकार 7.5 %सालाना के हिसाब से ब्याज देने वाली है। ब्याज दर के हिसाब से सुकन्या समुद्धि योजना ज्यादा अच्छी है, लेकिन इसका अकाउंट सिर्फ दस साल से कम उम्र की लड़की के लिए ही खुल सकता है।
- जमा राशि में अंतर
सुकन्या समृद्धि योजना में हर साल न्यूनतम 250 रुपये से लेकर अधिकतम 1.50 लाख तक जमा कर सकते हैं। 15 साल तक आप हर साल अपनी सुविधानुसार 250 रुपये से 1.50 लाख के बीच में किसी भी रकम को जमा कर सकते हैं। जबकि महिला सम्मान बचत पत्र में सिर्फ 2 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। पूरा पैसा शुरुआत में खाता खुलवाने के समय पर ही एकमुश्त जमा करवाने पड़ते हैं।