Flat Kharide Ya Ghar Banaye – फ्लैट ख़रीदे या घर बनाये, जानिये क्या होगा बेहतर ?
फ्लैट ख़रीदे या घर बनाये (Flat Kharide ya ghar banaye), आत्मनिर्भर होते ही इंसान अपने सपनों को पूरा करने की होड़ में लग जाता है। आधुनिकता की इस चकाचौंध में अपने आशियाने की चाह लिए यह सवाल (फ्लैट या घर?) उसे असमंजस की स्थिति में लाकर खड़ा कर देता है। तेज़ी से बढ़ती आबादी और महँगाई के इस दौर में फ्लैट एक बहुत ही प्रचलित शब्द बन गया है जो आज के लोगों में आकर्षण का केंद्र है। वही दूसरी और लोगों का एक तबका आज भी अपनी ज़मीन, अपना घर रखना ज्यादा पसंद करता है। यदि आप या आपका कोई अपना भी इसी दुविधा में है कि, घर बनायें या फ्लैट खरीदें (Ghar banaye ya flat kharide) तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर आपको एक clarity मिलेगी।
फ्लैट खरीदने से पहले सावधानियां
1. फ्लैट की लोकेशन
प्रॉपर्टी खरीदना एक लॉन्ग टर्म निवेश होता है। इसलिए फ्लैट बुक करवाने से पहले वहां आसपास की सुविधाओं जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, स्कूल, हॉस्पिटल, सुरक्षा, प्रस्तावित नए प्रोजेक्ट्स जैसे बस स्टैंड ,बड़े मॉल, हाईवे आदि का ठीक से मुआयना कर लें। प्रदुषण उद्योग से दूरी, डम्पिंग यार्ड इत्यादि की जानकारी होना भी स्वास्थ्य के नजरिये से बहुत जरूरी है।
2. प्रॉपर्टी की कीमत
आसपास के इलाके में तहकीकात करके उस एरिया के रेट्स का अनुमान लगाया जा सकता है। ऑनलाइन साइट, न्यूज़पेपर विज्ञापन, उस इलाके के प्रॉपर्टी डीलर आदि से छानबीन करके प्रॉपर्टी का सही रेट पता करने की कोशिश करें।
3. फ्लैट का कारपेट एरिया
बिल्डर हमेशा कस्टमर्स को लुभाने के लिए प्रॉपर्टी के विज्ञापनों में सुपर बिल्ड अप एरिया की जानकारी देते है। जिसमें सीढ़िया, दीवार की मोटाई, एलिवेटर स्पेस, शाफ़्ट, बालकनी, कॉमन स्पेस आदि भी शामिल होते है। इस तरह कारपेट एरिया, बिल्ड अप एरिया की तुलना में 30 % तक कम होता है। इसलिए केवल विज्ञापन या सैंपल फ्लैट को देखकर जल्दबाजी में स्पॉट बुकिंग करने की गलती कभी न करें।
4. प्रोजेक्ट को लोन देने वाले बैंक की तहकीकात
बिल्डर के प्रोजेक्ट के लोन बैंक से भी बिल्डर की विश्वसनीयता का अनुमान लगाया जा सकता है। क्यूंकि बड़े बैंक ज्यादातर खराब छवि वाले बिल्डर के प्रोजेक्ट के लिए लोन नहीं देते है।
5. प्रॉपर्टी की कानूनी जानकारी
आपकी प्रॉपर्टी कानूनी झंझटों से मुक्त होनी चाहिए। रजिस्ट्रार, डेवलपमेंट अथॉरिटी, जल आपूर्ति, विद्युत् बोर्ड, नगर निगम आदि की मंजूरी की जांच अवश्य कर लें। हालांकि फ्लैट खरीदने की लिए यदि आप बैंक से लोन लें रहे है तो यह कार्यवाही बैंक स्वयं कर लेते है।
6. पजेशन की तारीख
कई बार बिल्डर अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में पजेशन देने में काफी देरी कर देते है। ऐसी अवस्था में आपको मुवाअजा भी प्रदान किया जाता है। कभी कभी बिल्डर वैध कारण से 6 महीनों का भी ग्रेस पीरियड मांग लेते है।
7. बिल्डर बायर एग्रीमेंट
बिल्डर से फ्लैट खरीदते वक़्त टोकन अमाउंट देकर फ्लैट बुक किया जाता है। इस प्रोसेस में एक अलॉटमेंट लेटर दिया जाता है। साथ ही बैंक से लोन लेने की स्थिति में एक त्रिपक्षीय समझौता होता है। आपको इन सब की नियम और शर्तों के बारें में ठीक से जानकारी होनी चाहिए।
8. अतिरिक्त खर्चों की जानकारी
स्टाम्प ड्यूटी, होम लोन प्रोसेसिंग फीस, रजिस्ट्री खर्च, लेट पजेशन पर बिल्डर को पेनल्टी, लेट पेमेंट पर क्लाइंट को जुर्माना आदि की तहकीकात अच्छे से कर लें।
9. बिल्डर के डिलीवरी ट्रैक की जांच
फ्लैट बुक करवाने से पहले बिल्डर की डिलीवरी हिस्ट्री जरूर चेक कर लें। पुराने प्रोजेक्ट्स कम्पलीट करने में उसने कितना समय लगाया है। लेट पजेशन की स्थिति में देरी की भरपाई कैसे की गई। वरना यदि आप लोन लेकर किराए के घर से फ्लैट में शिफ्ट होने जा रहे है, तो देरी की वजह से आप लोन की क़िस्त और किराए के दोहरे चक्रव्यु में फंस सकते है।
10. बिल्डर की फाइनेंसियल कंडीशन
यदि आप किसी बड़े बिल्डर ग्रुप के साथ जुड़ रहे है तो शेयर मार्केट से भी उसकी कंपनी की बैलेंस शीट निकलवा सकते है। इसके अलावा कोई लोकल बिल्डर की फाइनेंसियल कंडीशन का आकलन करना भी बहुत जरूरी है क्यूंकि बिल्डर का मजबूत फाइनेंस आपकी आगे की दिक्क़तों को कम कर सकता है।

फ्लैट खरीदने के फायदे
- फ्लैट की सबसे अच्छी बात यह है कि यह हमें एक सोसाइटी में रहने का मौका देते है। आप हमेशा अपने फ्लैटमेट्स के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे।
- इंडिपेंडेंट घरों की अपेक्षा इनमें रखरखाव और मेंटेनेंस काफी कम होता है। और शुरुआत के कुछ वर्षों में तो बिल्डर खुद इसका खर्चा उठाते है।
- एक कम्युनिटी में रहने और सिक्योरिटी गार्ड वगैरह की व्यवस्था की वजह से आप हमेशा सुरक्षित और सिक्योर फील करते है।
- फ्लैट्स की अच्छी लोकेशन से आपको हॉस्पिटल,स्कूल, शॉपिंग सेण्टर आदि सब कुछ काफी पास में उपलब्ध हो जाता है।
- फ्लैट्स ज्यादा किफ़ायती (विशेषकर शहरी क्षेत्रों में ) होते है इसलिए इन्हें लो इनकम वाले भी अफोर्ड कर सकते है।
- सारी बेसिक सुविधायेँ आपके आसपास मिल जाने से आपके पैसे और समय की भी बचत होती है।
- कुछ सोसाइटीज में जिम, स्विमिंग पूल, पार्क आदि की सुविधा का आनंद भी बहुत ही कम खर्चे में उठाया जा सकता है।
- खुद का घर बनाने पर विकास प्राधिकरण की अनुमति, पानी, बिजली, मटेरियल आदि हर चीज़ का इंतज़ाम स्वयं करना होता है, जबकि फ्लैट के मामलें में आप इन सब झंझटों से मुक्त रहते है।
फ्लैट खरीदने के नुकसान
- फ्लैट में आपको बहुत ही फिक्स्ड स्पेस में एडजस्ट करना होता है, बालकनी स्पेस, छत और गेस्ट पार्किंग आदि की भी समस्या देखने को मिलती है। कम स्पेस की वजह से बंधक जैसी फीलिंग आती है।
- कभी कभी लोकल बिल्डर्स के ख़राब क्वालिटी के बिल्डिंग मटेरियल की वजह से फ्लैट्स में कुछ सालों में ही दरारों और लीकेज का प्रॉब्लम भी आने लगता है, जिसकी मरम्मत और पेंटिंग की एक्स्ट्रा कॉस्ट उठानी पड़ती है।
- फ्लैट्स की रीसेल वैल्यू काफी कम होती है,और समय के साथ-साथ पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर और डिज़ाइन की वजह से इसका डेप्रिसिएशन (Depreciation) काफी तेजी से होता है।
- ग्राउंड फ्लोर में फ्लैट लेने पर सीमित नेचुरल रोशनी, प्राइवेसी की कमी, शोर, सुरक्षा की चिंता आदि जैसी एक्स्ट्रा समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे फ्लैट्स में स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम, सेंसर्स, एक्स्ट्रा लॉक सिस्टम आदि पर अतिरिक्त खर्चा बढ़ जाता है।
- अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट्स में कई सुविधाएं प्रोपोसड प्लान (भविष्य में उपलब्ध होने वाली) के तहत बताई जाती है जिसे पूरा करने में बिल्डर्स एक उम्र लगा देते है।
- फ्लैट्स में सोसाइटी के नियम कानूनों का पालन करने की बाध्यता होती है हर चीज़ के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है।
- कुछ सोसाइटी में मेंटेनेंस की मोटी फीस भी भरनी पड़ती है, इसके अलावा कॉमन स्पेस की साफ़ सफाई, बिजली, सिक्योरिटी आदि की व्यवस्था पर भी सामूहिक रूप से व्यय करना होता है।
- रिकंस्ट्रक्शन और मॉडिफिकेशन की अनुमति न होने की शर्तों में बंधे रहने की वजह से आप एक ही डिज़ाइन के घर में रहने के लिए बाध्य रहते है।
- ज्वाइंट या बड़े परिवारों के लिए फ्लैट्स बिल्कुल सही नहीं होते क्यूंकि आगे चलकर प्राइवेसी और स्पेस की समस्याएं आने लगती है।
घर खरीदने या बनाने के फ़ायदे

- इंडिपेंडेंड घरों में गोपनीयता होती है। घर की छत से लेकर जमीन तक, सब पर आपका एकाधिकार होने की वजह से यहाँ किसी का भी किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होता है।
- अधिक स्थान होने की वजह से काफी हवादार, खुलापन और आज़ाद होने का अहसास होता है।आपके पास आउट डोर, इंडोर काफी स्पेस उपलब्ध होता है।
- आप भविष्य में एडिशनल एरिया कंस्ट्रक्ट कर किराए पर भी लगा सकते है जिससे आपकी अतिरिक्त आय भी होती है।
- अपनी मर्जी के मुताबिक रेनोवेशन और रीकंस्ट्रक्टशन (renovation and reconstruction) कर पाने की स्वतंत्रता होती है।
- खुद की ज़मीन होने की वजह से फ्लैट की तुलना में घर की रीसेल वैल्यू अधिक होती है।
- अपने घर में अपने हिसाब से दिनचर्या,आदतें, खान-पान, शौक रखने की भी आज़ादी होती है, जिसे शायद फ्लैट में सोसाइटी नियमों की वजह से आप ना कर सकें।
- और सबसे बड़ी बात खुद की ज़मीन, खुद की छत, खुद का घर होने का एक अलग एहसास होता है जो हमें शायद फ्लैट में रहने पर न मिलें।
घर खरीदने या बनाने के नुकसान
- मकान फ्लैट की तुलना में अधिक महंगे होते है।
- घर के रखरखाव में अधिक खर्च लगता है।
- यदि आपका घर मुख्य शहर से दूर है तो आपके खर्चे बढ़ सकते है।
- घर की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए आपको अलग से प्रबंध करना होगा।
- घर बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, क्यूंकि इसमें घर का नक्शा पास करवाने से लेकर घर कम्पलीट होते तक हर एक चीज़ को आपको खुद मैनेज करना होता है।
- घर बनाने में अनुभव की कमी की वजह से आप कुछ हिस्सों में आवश्यकता से अधिक खर्च कर सकते है।
- घर बनाने के पहले अलग अलग विभागों जैसे विकास प्राधिकरण, जल निगम आदि से अनुमति पत्र लेने में काफी खर्च और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
फ्लैट या घर, किस पर मिलता है आसानी से होम लोन ?
- यदि आप प्लॉट लेकर खुद का घर बनवाते है तो आपको प्लॉट की कीमत, रजिस्ट्री,और घर बनाने तक की प्रक्रिया के लिए लोन मिल सकता है। लोन का अमाउंट आपकी सालाना आय पर निर्भर करता है।
- बना बनाया घर खरीदने या नया फ्लैट लेने के लिए होम पर्चेसिंग लोन लिया जाता है। प्रॉपर्टी के कीमत का 80 से 90 फीसदी लोन आप लें सकते है। लोन की अवधि 20 से 30 साल हो सकती है।
- इसके अलावा घर की मरम्मत करने के लिए home improvement लोन लिया जाता है और घर का आकार बढ़ाने के लिए home extention लोन भी लिया जाता है।
- यदि आपका CIBIL स्कोर ठीक है और आपके पास बैंक के नियम कानूनों के हिसाब से सारे दस्तावेज़ मौजूद है तो आपको किसी भी तरह का होम लोन आसानी से मिल जाएगा।
- Also read – होम लोन में लगा हुआ पूरा ब्याज कैसे वापस पायें – How to make home loan interest free?
निष्कर्ष (CONCLUSION – Flat Kharide Ya Ghar)
फ्लैट किसे खरीदना चाहिए ?
- जिसका परिवार छोटा हो।
- पति- पत्नी दोनों नौकरीपेशा हो।
- जिसके पास अपना घर बनवाने का समय न हो।
- घर बनाने का experience न हो।
- जो शहर के बीच में रहना चाहता हो।
घर किसे बनाना चाहिए ?
- जिसका परिवार बड़ा हो।
- जिसके पास घर बनाने का समय तथा अनुभव हो।
- जो शहर से थोड़ा बाहर रहने को भी तैयार हो।
- जिसे प्राइवेसी पसंद हो।
- जिसकी जॉब में ज्यादा ट्रांसफर न हो।